ठोकर से दूसरों को बचाने का शुक्रिया
पत्थर को रास्ते से हटाने का शुक्रिया
अब ये बताएँ आप की मैं क्या मदद करूँ
फ़र्ज़ी कहानी मुझ को सुनाने का शुक्रिया
मेरे बहुत से काम अधूरे नहीं रहे
ऐ दोस्त इतने रोज़ न आने का शुक्रिया
तन्हा नहीं रहा तिरे जाने के बा'द मैं
कुछ अजनबी ग़मों से मिलाने का शुक्रिया
इतनी ख़ुशी मिली कि सँभाली नहीं गई
दो-चार लम्हे मुझ पे लुटाने का शुक्रिया
महबूब तेरे हिज्र में करता हूँ शाइ'री
मुझ को किसी ठिकाने लगाने का शुक्रिया

ग़ज़ल
ठोकर से दूसरों को बचाने का शुक्रिया
ख़ालिद महबूब