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तेरी यादों ने तड़पाया बहुत है | शाही शायरी
teri yaadon ne taDpaya bahut hai

ग़ज़ल

तेरी यादों ने तड़पाया बहुत है

अासिफ़ा ज़मानी

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तेरी यादों ने तड़पाया बहुत है
भले ही दिल को समझाया बहुत है

बहुत ज़ख़्मी किया है दिल को तुम ने
तुम्हीं को फिर भी अपनाया बहुत है

खिले रहते हैं ज़ख़्म-ए-दिल हमेशा
ख़िज़ाँ ने ज़ुल्म तो ढाया बहुत है

लब-ए-जानाँ जो ज़मज़म-आतशीं था
हवासों पर मिरे छाया बहुत है

लुग़त में हुस्न की तारीफ़ ढूँढी
मगर हर लफ़्ज़ कम-माया बहुत है

दिल-ए-आतिश की साज़िश में 'ज़मानी'
शब-ए-हिज्राँ को गर्माया बहुत है