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सूरज सितारे चाँद जो बर्बाद हो गए | शाही शायरी
suraj sitare chand jo barbaad ho gae

ग़ज़ल

सूरज सितारे चाँद जो बर्बाद हो गए

सय्यद अारिफ़

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सूरज सितारे चाँद जो बर्बाद हो गए
अंधी सदा की क़ैद से आज़ाद हो गए

शहर-पनाह टूट के लो हो गया खंडर
अध-कच्ची आरज़ूओं से हम शाद हो गए

फिर ढूँढती फिरेगी ये पागल हवा किसे
सूने जज़ीरे हम से जो आबाद हो गए

लौट आएँगे परिंदे नई रुत के साथ साथ
क़िस्से कहानियों के वो दिन याद हो गए

इज़हार चीख़ता नहीं जज़्बात मर गए
कैसे खिलौने शहर में ईजाद हो गए