सितारे जिनकी बहुत देख-भाल करते रहे
हम ऐसी सारी शबों को निहाल करते रहे
हमारे राह-नुमा भी कमाल करते रहे
जवाब देना था उन को सवाल करते रहे
मगर नदी ने सुनी ही नहीं किनारों की
ये और बात कि वो अर्ज़-ए-हाल करते रहे
तमाम रात मिरी नींद मुझ को डसती रही
तमाम ख़्वाब मिरी देख-भाल करते रहे
तमाम उम्र तुम्हीं मुतमइन रहे 'दानिश'
तमाम उम्र तुम्हीं थे मलाल करते रहे
ग़ज़ल
सितारे जिनकी बहुत देख-भाल करते रहे
मदन मोहन दानिश

