EN اردو
शोख़ मासूम सी अल्लहड़ वो कुँवारी बातें | शाही शायरी
shoKH masum si allhaD wo kunwari baaten

ग़ज़ल

शोख़ मासूम सी अल्लहड़ वो कुँवारी बातें

शकीला बानो

;

शोख़ मासूम सी अल्लहड़ वो कुँवारी बातें
याद आती हैं मुझे आप की प्यारी बातें

नाज़ से रूठना फिर उन का मनाना मुझ को
याद आने लगीं रह रह के वो सारी बातें

आस्तीं अपने ही अश्कों से भिगो डालोगे
याद आएँगी तुम्हें जब भी हमारी बातें

की ख़ता तुम ने कि हम ने उसे कल सोचेंगे
आज की रात तो ये छोड़िए सारी बातें

आज के दौर में हर रोज़ ही सुनना होंगी
बे-हिसी से भरी मफ़्हूम से आरी बातें

उन को भाती नहीं ये बात अलग है 'बानो'
दिल में रख लेने के क़ाबिल हैं तुम्हारी बातें