शमशीर मेरी, मेरी सिपर किस के पास है
दो मेरा ख़ूद पर मिरा सर किस के पास है
दरपेश एक काम है हिम्मत का साथियो
कसना है मुझ को मेरी कमर किस के पास है
तारी हो मुझ पे कौन सी हालत मुझे बताओ
मेरा हिसाब-ए-नफ़-ओ-ज़रर किस के पास है
ऐ अहल-ए-शहर मैं तो दुआ-गो-ए-शहर हूँ
लब पर मिरे दुआ है असर किस के पास है
दाद-ओ-सितद के शहर में होने को आई शाम
ख़्वाहिश है मेरे पास ख़बर किस के पास है
पुर-हाल हूँ प सूरत-ए-अहवाल कुछ नहीं
हैरत है मेरे पास नज़र किस के पास है
इक आफ़्ताब है मिरी जेब-ए-निगाह में
पहनाई-ए-नुमूद-ए-सहर किस के पास है
क़िस्सा किशोर का नहीं कोशक का है कि है
दरवाज़ा सब के पास है घर किस के पास है
मेहमान-ए-क़स्र हैं हमें कुछ रम्ज़ चाहिएँ
ये पूछ के बताओ खंडर किस के पास है
उथला सा नाफ़-प्याला हमारी नहीं तलाश
ऐ लड़कियो! बताओ भँवर किस के पास है
नाख़ुन बढ़े हुए हैं मिरे मुझ से कर हज़र
ये जा के देख नेल-कटर किस के पास है
ग़ज़ल
शमशीर मेरी, मेरी सिपर किस के पास है
जौन एलिया