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सरफ़रोशों के चले लश्कर पे लश्कर देखिए | शाही शायरी
sarfaroshon ke chale lashkar pe lashkar dekhiye

ग़ज़ल

सरफ़रोशों के चले लश्कर पे लश्कर देखिए

मुनव्वर लखनवी

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सरफ़रोशों के चले लश्कर पे लश्कर देखिए
अपनी पहली जंग-ए-आज़ादी का मंज़र देखिए

देखिए वो हिन्दुओं में वलवले बजरंग के
वो मुसलमानों में जोश-ए-ख़ून-ए-हैदर देखिए

वो महंतों के मठों में युद्ध की तय्यारियाँ
बन गए जोगी कई निरवान सफ़दर देखिए

ख़ानक़ाहों के जिगर-दारों में हंगाम-ए-जिदाल
पास-ए-क़ुरआँ पास-ए-तालीम-ए-पयम्बर देखिए

क़र्या क़र्या कूचे कूचे में वो जंगी माअ'रके
हर तरफ़ से आग बरसी जिन पे वो घर देखिए