सातवीं मंज़िल से कूदा चाहिए
ख़ुद-कुशी करने को और क्या चाहिए
अपने हाथों अपनी आँखें फोड़ कर
चार-सू अपने को देखा चाहिए
आइने में कोई रहता है ज़रूर
कौन है चुपके से पूछा चाहिए
नींद के कमरे में दम घुटने लगा
ख़्वाब की खिड़की को खोला चाहिए
'फ़ैज़'-साहिब शेर क्यूँ कहते नहीं
'फ़ैज़'-साहिब शेर कहना चाहिए
तुम से बीवी को शिकायत हो अगर
तो 'सलीम'-अहमद को पढ़ना चाहिए
आओ 'अल्वी' उस के घर की बत्तियाँ
बुझ गईं अब घर को चलना चाहिए
ग़ज़ल
सातवीं मंज़िल से कूदा चाहिए
मोहम्मद अल्वी