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रूप के पाँव चूमने वाले सुन ले मेरी बानी | शाही शायरी
rup ke panw chumne wale sun le meri bani

ग़ज़ल

रूप के पाँव चूमने वाले सुन ले मेरी बानी

इरफ़ाना अज़ीज़

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रूप के पाँव चूमने वाले सुन ले मेरी बानी
फूल की डाली बहुत ही ऊँची तू है बहता पानी

सोंधी सोंधी ख़ुश्बू के बहते हैं शीतल झरने
खेतों पर लहराता है जब मेरा आँचल धानी

तू मेरा आदर्श सुहाना मैं सपनों की डाली
हरियाली धुन तेरा मेरा दौलत आनी-जानी

चाँद से माथे पर हैं गहरी सोच की तीन लकीरें
भूल गई रस्ता इन भूल-भुलय्यों में इक रानी

फैल गया है क़र्या क़र्या तेरा रंग सुनहरा
तू है मेरा रूप सवेरा मैं हूँ शाम सुहानी

बै-रागी के रूप में मेरे दर पर आने वाले
तेरे दिल की धड़कन लगती है जानी-पहचानी

कितनी ऊँची प्रीत है तेरी जनता के रखवाले
शक्ति का प्रचार करेगी तेरी प्रेम-दिवानी