प्यार के बंधन रिश्ते देखो
हाथ में कच्चे धागे देखो
देखना है ग़म मेरा अगर
उन को मुझ पर हँसते देखो
उँगलियाँ छूते ही जल जाएँ
फूल के अंदर शो'ले देखो
होती है कैसे रुस्वाई
उन की गली में जा के देखो
चलेगी तेरे जिस्म की नाव
दरिया को साहिल से देखो
अब क्यूँ ग़र्क़ है अश्कों में
किस ने कहा था सपने देखो
रहना है दुनिया में अगर
'वाजिद'-मियाँ तमाशे देखो
ग़ज़ल
प्यार के बंधन रिश्ते देखो
वाजिद सहरी