नहीं है ये तिरा कूचा नहीं है
यहाँ कोई सदा देता नहीं है
तुझे छू कर उसे पहचान लेंगे
अगर हम ने ख़ुदा देखा नहीं है
ज़रा सोचो तो उस की प्यास लोगो
वो बादल जो कहीं बरसा नहीं है
नए चेहरे लिए फिर आओ यारो
ये दिल पूरी तरह टूटा नहीं है
ग़नीमत जान तू दो पल भी 'राही'
वफ़ा का रास्ता लम्बा नहीं है
ग़ज़ल
नहीं है ये तिरा कूचा नहीं है
सईद राही