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नहीं है ये तिरा कूचा नहीं है | शाही शायरी
nahin hai ye tera kucha nahin hai

ग़ज़ल

नहीं है ये तिरा कूचा नहीं है

सईद राही

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नहीं है ये तिरा कूचा नहीं है
यहाँ कोई सदा देता नहीं है

तुझे छू कर उसे पहचान लेंगे
अगर हम ने ख़ुदा देखा नहीं है

ज़रा सोचो तो उस की प्यास लोगो
वो बादल जो कहीं बरसा नहीं है

नए चेहरे लिए फिर आओ यारो
ये दिल पूरी तरह टूटा नहीं है

ग़नीमत जान तू दो पल भी 'राही'
वफ़ा का रास्ता लम्बा नहीं है