नाला इस शोर से क्यूँ मेरा दुहाई देता
ऐ फ़लक गर तुझे ऊँचा न सुनाई देता
why then in a voice so loud would have I despaired
your hearing if, O lofty sky, was not thus impaired
देख छोटों को है अल्लाह बड़ाई देता
आसमाँ आँख के तिल में है दिखाई देता
even to tiny creatures God greatness does provide
in the pupil of the eye skies can be espied
लाख देता फ़लक आज़ार गवारा थे मगर
एक तेरा न मुझे दर्द-ए-जुदाई देता
a million aches the skies bestow, I would but gladly bear
if the pain of separation from you were not there
दे दुआ वादी-ए-पुर-ख़ार-ए-जुनूँ को हर गाम
दाद ये तेरी है ऐ आबला-पाई देता
you should bless the thorn filled path of my passion's craze
each step the blisters on my feet sing of you in praise
रविश-ए-अश्क गिरा देंगे नज़र से इक दिन
है इन आँखों से यही मुझ को दिखाई देता
she will drop me like a tear, one day from her eye
with these eyes of mine this is what I can espy
मुँह से बस करते कभी ये न ख़ुदा के बंदे
गर हरीसों को ख़ुदा सारी ख़ुदाई देता
these beings of God's creation will never say "enow"
if even, to these greedy ones, the world he may bestow
पंजा-ए-मेहर को भी ख़ून-ए-शफ़क़ में हर रोज़
ग़ोते क्या क्या है तिरा दस्त-ए-हिनाई देता
henna on your palms compels the sun, its every ray
to submerse itself in evening's scarlet glow each day
कौन घर आईने के आता अगर वो घर में
ख़ाकसारी से न जारूब-ए-सफ़ाई देता
who, in the mirror of the heart would you ever see?
Until it is burnished by abject humility
मैं हूँ वो सैद कि फिर दाम में फँसता जा कर
गर क़फ़स से मुझे सय्याद रिहाई देता
I am that prey who would get snared in the net again
if freedom from the cage the captor ever let me gain
ख़ूगर-ए-नाज़ हूँ किस किस का कि मुझे साग़र-ए-मय
बोसा-ए-लब नहीं बे-चश्म-नुमाई देता
I am so accustomed to her wiles, that till a sign
I get from her, my lips will not kiss the cup of wine
देख गर देखना है 'ज़ौक़' कि वो पर्दा-नशीं
दीदा-ए-रौज़न-ए-दिल से है दिखाई देता
see if you have the vision zauq, the veil though in between
He, with the eyesight of your heart's window can be seen
ग़ज़ल
नाला इस शोर से क्यूँ मेरा दुहाई देता
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़