मुसलसल धूप से पाला पड़ा है
हमारा जिस्म तब काला पड़ा है
हमारे जिस्म पे कपड़े नए हैं
हमारी रूह पे जाला पड़ा है
वो चाबी ले गया है साथ जिस की
हमारे दिल पे वो ताला पड़ा है

ग़ज़ल
मुसलसल धूप से पाला पड़ा है
असलम राशिद
ग़ज़ल
असलम राशिद
मुसलसल धूप से पाला पड़ा है
हमारा जिस्म तब काला पड़ा है
हमारे जिस्म पे कपड़े नए हैं
हमारी रूह पे जाला पड़ा है
वो चाबी ले गया है साथ जिस की
हमारे दिल पे वो ताला पड़ा है