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मुझे रंग दे न सुरूर दे मिरे दिल में ख़ुद को उतार दे | शाही शायरी
mujhe rang de na surur de mere dil mein KHud ko utar de

ग़ज़ल

मुझे रंग दे न सुरूर दे मिरे दिल में ख़ुद को उतार दे

इन्दिरा वर्मा

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मुझे रंग दे न सुरूर दे मिरे दिल में ख़ुद को उतार दे
मिरे लफ़्ज़ सारे महक उठें मुझे ऐसी कोई बहार दे

Give me neither colour nor intoxication, come into my heart instead
Grant me a spring that will cause all my words to be filled with perfume

मुझे धूप में तू क़रीब कर मुझे साया अपना नसीब कर
मिरी निकहतों को उरूज दे मुझे फूल जैसा वक़ार दे

Save me from the sun, keep me under your sheltering being
Bring my fragrances to their summit, give me the honour of flowers

मिरी बिखरी हालत-ए-ज़ार है न तो चैन है न क़रार है
मुझे लम्स अपना नवाज़ के मिरे जिस्म ओ जाँ को निखार दे

I am in a state of scattered disarray, knowing neither rest nor respite
Give me your touch, purify my body and soul

तिरी राह कितनी तवील है मिरी ज़ीस्त कितनी क़लील है
मिरा वक़्त तेरा असीर है मुझे लम्हा लम्हा सँवार दे

The road to you is long, but my life is short
My time is your captive, adorn me moment-by-moment

मिरे दिल की दुनिया उदास है न तो होश है न हवास है
मिरे दिल में आ के ठहर कभी मिरे साथ उम्र गुज़ार दे

The word of my heart is sad, I have lost all my senses
Come stop in my heart and spend the rest of your days with me

मिरी नींद मूनिस-ए-ख़्वाब कर मिरी रत-जगों का हिसाब कर
मिरे नाम फ़स्ल-ए-गुलाब कर कभी ऐसा मुझ को भी प्यार दे

Make my sleep the friend of dreams, count my nights of wakefulness
Bequest the harvest of roses to me, give me such a love too

शब-ए-ग़म अँधेरी है किस क़दर करूँ कैसे सुब्ह का मैं सफ़र
मिरे चाँद आ मिरी ले ख़बर मुझे रौशनी का हिसार दे

The night of sorrows is so dark, how shall I journey to the morning
O my moon, come take news of me and bring me into the circle of light