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मुझे दरिया बनाना चाहती है | शाही शायरी
mujhe dariya banana chahti hai

ग़ज़ल

मुझे दरिया बनाना चाहती है

असलम राशिद

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मुझे दरिया बनाना चाहती है
ये दुनिया डूब जाना चाहती है

हमारी नींद की हसरत तो देखो
तुम्हें तकिया बनाना चाहती है

तुम्हारी याद सहरा के सफ़र में
हमारे साथ आना चाहती है

सितारो कौन उतरा है ज़मीं पर
नज़र क्यूँ सर झुकाना चाहती है

समुंदर से कोई इतना तो पूछे
नदी क्यूँ सूख जाना चाहती है

हमारी जान का सदक़ा उतारो
हमारी जान जाना चाहती है