EN اردو
'मोमिन' ख़ुदा के वास्ते ऐसा मकाँ न छोड़ | शाही शायरी
momin KHuda ke waste aisa makan na chhoD

ग़ज़ल

'मोमिन' ख़ुदा के वास्ते ऐसा मकाँ न छोड़

मोमिन ख़ाँ मोमिन

;

'मोमिन' ख़ुदा के वास्ते ऐसा मकाँ न छोड़
दोज़ख़ में डाल ख़ुल्द को कू-ए-बुताँ न छोड़

for sake of God! momin from leaving this house refrain
let paradise to hell consign, leave not the idol's lane

आशिक़ तो जानते हैं वो ऐ दिल यही सही
हर-चंद बे-असर है पर आह ओ फ़ुग़ाँ न छोड़

that she knows you love her, O heart this much you gain
don't give up your lamentation, though it be in vain

उस तबा-ए-नाज़नीं को कहाँ ताब-ए-इंफ़िआल
जासूस मेरे वास्ते ऐ बद-गुमाँ न छोड़

---
---

नाचार देंगे और किसी ख़ूब-रू को दिल
अच्छा तू अपनी ख़ू-ए-बद ऐ बद-ज़बाँ न छोड़

some other gentle beauty will now on my heart sustain
your petulance, abusiveness, you're welcome to retain

ज़ख़्मी किया उदू को तो मरना मुहाल है
क़ुर्बान जाऊँ तेरे मुझे नीम-जाँ न छोड़

if you wound my rival, dying will be hard then too
don't leave me half-alive I will give my life for you,

कुछ कुछ दुरुस्त ज़िद से तिरी हो चले हैं वो
यक-चंद और कज-रवी ऐ आसमाँ न छोड़

She seems to have improved somewhat at your insistence
with your wayward gait o Sky don't for a while dispense

जिस कूचे में गुज़ार सबा का न हो सके
ऐ अंदलीब उस के लिए गुलसिताँ न छोड़

any street, access to which, zephyrs will never gain
O nightingale do not forsake the garden for that lane

गर फिर भी अश्क आएँ तो जानूँ कि इश्क़ है
हुक़्क़े का मुँह से ग़ैर की जानिब धुआँ न छोड़

if even then, his eyes tear up, his love is true I'll know
smoke, into my rival's face, when you cease to blow

होता है इस जहीम में हासिल विसाल-ए-जौर
'मोमिन' अजब बहिश्त है दैर-ए-मुग़ाँ न छोड़

you will meet the virgins here, in this fiery domain
momin as paradise is myth, immersed in wine remain