मोहब्बत में यही झगड़ा करोगे
करो इस के अलावा क्या करोगे
इधर हम भी कलाई काट लेंगे
उधर तुम भी बहुत रोया करोगे
मनाने के लिए कॉलर पकड़ के
कहोगे जान अब ऐसा करोगे
न लम्हा एक ही बीता भी होगा
दोबारा फिर वही क़िस्सा करोगे
चलो छोड़ो जहाँ हो ठीक रहना
अना तो है अना का क्या करोगे
ग़ज़ल
मोहब्बत में यही झगड़ा करोगे
दीपक शर्मा दीप