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मिरी दुनिया अकेली हो रही है | शाही शायरी
meri duniya akeli ho rahi hai

ग़ज़ल

मिरी दुनिया अकेली हो रही है

अज़हर नैयर

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मिरी दुनिया अकेली हो रही है
तमन्ना घर में तन्हा सो रही है

सदाएँ घुट गईं सीने के अंदर
ख़मोशी अपनी पत्थर हो रही है

तमन्नाओं के सीने पर रखे सर
उदासी बाल खोले सो रही है

सुना है अपना चेहरा ज़िंदगानी
मुसलसल आँसुओं से धो रही है

यहाँ से और वहाँ तक ना-उमीदी
हमारे दिल का उनवाँ हो रही है