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मेरी जाँ वो बादा-ख़्वारी याद है | शाही शायरी
meri jaan wo baada-KHwari yaad hai

ग़ज़ल

मेरी जाँ वो बादा-ख़्वारी याद है

सदरुद्दीन मोहम्मद फ़ाएज़

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मेरी जाँ वो बादा-ख़्वारी याद है
वक़्त-ए-मस्ती गिर्या-ज़ारी याद है

मोतिया का हार ओ चम्पा की छड़ी
जोड़ा-ए-दामन-किनारी याद है

सब अभूकन तेरे तन पर ख़ुशनुमा
ख़ूबी-ए-अंगिया ओ सारी याद है

अब्र का साया ओ सब्ज़ा राह का
जान-ए-मन रथ की सवारी याद है

कोयलां के नाले अमराई के बीच
उस समय की बे-क़रारी याद है

मेंह बी तो टपकता था बूँद बूँद
'फ़ाएज़' उस दिन की सवारी याद है