मेरा जुनूँ शर्मसार देखिए कब तक रहे
फ़स्ल-ए-ख़िज़ाँ पर बहार देखिए कब तक रहे
देखिए कब तक बहे दीदा-ओ-दिल से लहू
सेहन-ए-चमन लाला-ज़ार देखिए कब तक रहे
देखिए कब तक रहे कज-कुलह-ए-शहरयार
ये रविश-ए-ताजदार देखिए कब तक रहे
आज भी है कोहकन बंदा-ए-बे-दाम-ए-ज़र
इश्क़ ग़रीब-उद-दयार देखिए कब तक रहे
और फ़रोज़ाँ हुआ शो'ला-ए-क़िंदील-ए-शब
गुल का मगर ए'तिबार देखिए कब तक रहे
दस्त-ए-सबा कट न जाए लौह-ओ-क़लम छिन न जाएँ
अज़्मत-ए-फ़न बा-वक़ार देखिए कब तक रहे
ख़ामुशी-ओ-मस्लहत बे-दिली-ओ-बे-हिसी
अहल-ए-सुख़न का शिआ'र देखिए कब तक रहे
ग़ज़ल
मेरा जुनूँ शर्मसार देखिए कब तक रहे
मुजीब ख़ैराबादी