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मेरा बेटा तो है ग़ुरूर मिरा | शाही शायरी
mera beTa to hai ghurur mera

ग़ज़ल

मेरा बेटा तो है ग़ुरूर मिरा

आराधना प्रसाद

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मेरा बेटा तो है ग़ुरूर मिरा
शान मेरा है वो शुऊ'र मिरा

चाँद तारे भी तुझ से शरमाएँ
जगमगाता सा कोह-ए-नूर मिरा

एक मुद्दत के बाद चमका है
सादी आँखों में जैसे नूर मिरा

कोई लम्हा न उस से ख़ाली है
पास मेरे है कोई दूर मिरा

छुप के एहसास में वो रहता है
वो फ़रिश्ता कोई ज़रूर मिरा