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मरना जीना वफ़ा हया क्या है | शाही शायरी
marna jina wafa haya kya hai

ग़ज़ल

मरना जीना वफ़ा हया क्या है

इशराक़ अज़ीज़ी

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मरना जीना वफ़ा हया क्या है
हम से पूछो ये मुद्दआ' क्या है

जो भी है साफ़ साफ़ बोले वो
बे-ख़बर है ख़फ़ा ख़फ़ा क्या है

मेरा महबूब है मिरा मिस्रा
बोल अब तेरा क़ाफ़िया क्या है

जिस को हम ने निचोड़ फेंका है
उस जवानी में अब बचा क्या है

मैं ने अपने तबीब से पूछा
दर्द वो है तो फिर दवा क्या है

हम जवानी तलक पहुँच आए
या-इलाही ये माजरा क्या है

तुम ख़ुदाई का दा'वा करते हो
तुम ख़ुदा हो तो फिर ख़ुदा क्या है

पहले जाँ मेरे लब तक आ जाए
फिर बताउँगा हौसला क्या है

ख़ुश्क लब तीन दिन की फ़ाक़ा-कशी
तुम ना समझोगे कर्बला क्या है

नाम 'इशराक़' है 'अज़ीज़ी' है
सच बता तेरा नाम क्या क्या है