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मक़ाम अपना दुनिया में ज़ीशान रख | शाही शायरी
maqam apna duniya mein zishan rakh

ग़ज़ल

मक़ाम अपना दुनिया में ज़ीशान रख

आबिद काज़मी

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मक़ाम अपना दुनिया में ज़ीशान रख
जो नज़रों से तोले वो मीज़ान रख

मुहिब तू ख़ुदा का है ख़ालिस ग़लत
हबीब-ए-ख़ुदा पे भी ईमान रख

ना-उमीदी फ़क़त कुफ़्र-ओ-इल्हाद है
अगर तू है मोमिन तो ईक़ान रख

तख़य्युल भी ख़ुद का तग़ज़्ज़ुल में हो
बग़ल में किसी का न दीवान रख

ख़ुदा कोई ढूँडे तो मिलता भी है
तजस्सुस तो अपना परेशान रख