मैं उन्हें छेड़ूँ और वो कुछ न कहें
चल निकलते जो मय पिए होते
I tease her and she is tight lippped
she would reply if wine she'd sipped
क़हर हो या बला हो जो कुछ हो
काश के तुम मिरे लिए होते
trouble torment what you be
If only you were made for me
मेरी क़िस्मत में ग़म गर इतना था
दिल भी या-रब कई दिए होते
if so much pain my fate ordained
I, many hearts should have obtained
आ ही जाता वो राह पर 'ग़ालिब'
कोई दिन और भी जिए होते
she would have come to your ways
if you had lived a few more days
ग़ज़ल
मैं उन्हें छेड़ूँ और वो कुछ न कहें
मिर्ज़ा ग़ालिब