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मैं कहा था कभी से ये कुछ है | शाही शायरी
main kaha tha kabhi se ye kuchh hai

ग़ज़ल

मैं कहा था कभी से ये कुछ है

मीर हसन

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मैं कहा था कभी से ये कुछ है
जिस का आलिम अभी से ये कुछ है

जा-ए-शिकवा नहीं सुलूक उस का
देखता हूँ सभी से ये कुछ है

जब से देखा है तुझ को अब तो क्या
हालत-ए-दिल तभी से ये कुछ है

हम ने जाना सुख़न की शीरीनी
उस की शक्कर-लबी ही से ये कुछ है

दिन को तो ख़ैर थी 'हसन' पर कुछ
बे-क़रारी शब ही से ये कुछ है