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मान लो साहिबो कहा मेरा | शाही शायरी
man lo sahibo kaha mera

ग़ज़ल

मान लो साहिबो कहा मेरा

बाबर रहमान शाह

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मान लो साहिबो कहा मेरा
क्यूँ कि इबरत है नक़्श-ए-पा मेरा

है तमन्ना में ग़ारत ओ रुस्वा
शेर मेरा, किताबचा मेरा

ऐ परी-ज़ाद तेरे जाने पर
हो गया ख़ुद से राब्ता मेरा

जंगलों से मुझे ये निस्बत है
इन में रहता था आश्ना मेरा

आम सा आदमी हूँ मैं साहिब
शेर होता है आम सा मेरा