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लोग जन्नत में जा रहे होंगे | शाही शायरी
log jannat mein ja rahe honge

ग़ज़ल

लोग जन्नत में जा रहे होंगे

नईम रज़ा भट्टी

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लोग जन्नत में जा रहे होंगे
और हम सटपटा रहे होंगे

तुम बग़ावत की बात करते हो
हम तो रस्में निभा रहे होंगे

बे-ज़बानी-ओ-ना-रसाई में
हम ख़ुदा को बुला रहे होंगे

वो कहीं गीत गा रही होगी
हम कहीं तिलमिला रहे होंगे

हुस्न मशहूर हो रहा होगा
लोग बातें बना रहे होंगे