लब पर उन का नाम नहीं है
चैन नहीं आराम नहीं है
लाख बचाओ मुझ से दामन
मेरी मोहब्बत ख़ाम नहीं है
दिल है परेशाँ उन की ख़ातिर
पल भर को आराम नहीं है
मेरी मोहब्बत उन पर कामिल
इश्क़ मिरा नाकाम नहीं है
मुश्किल है हर कोई देखे
उस का जल्वा आम नहीं है
पैकर-ए-उल्फ़त हूँ मैं 'ताबाँ'
नफ़रत मेरा काम नहीं है
ग़ज़ल
लब पर उन का नाम नहीं है
अनवर ताबाँ