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क्या कहें और दिल के बारे में | शाही शायरी
kya kahen aur dil ke bare mein

ग़ज़ल

क्या कहें और दिल के बारे में

काशिफ़ हुसैन ग़ाएर

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क्या कहें और दिल के बारे में
हम मुलाज़िम हैं इस इदारे में

इक नज़र मेरे देख लेने से
क्या कमी आ गई नज़ारे में

बस कि ख़ुद पर यक़ीन है अपना
क्या कहें और ख़ुदा के बारे में

रौशनी मुंतक़िल हुई कैसे
इस सितारे से उस सितारे में

क्या हक़ीक़त है कार-ए-दुनिया की
क्या मुनाफ़ा है इस ख़सारे में