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कुछ साथ दिया मेरा दवा ने न दुआ ने | शाही शायरी
kuchh sath diya mera dawa ne na dua ne

ग़ज़ल

कुछ साथ दिया मेरा दवा ने न दुआ ने

परवीन शीर

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कुछ साथ दिया मेरा दवा ने न दुआ ने
अब जाएँ कहाँ ढूँडने जीने के बहाने

फ़रहाद भी वाक़िफ़ नहीं अब कोह-कनी से
बे-कार हैं फ़र्सूदा मोहब्बत के फ़साने

इस दीदा-ए-पुर-नम में है रक़्साँ तिरा परतव
महताब लुटाता है समुंदर पे ख़ज़ाने