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कुछ नहीं खुलता इब्तिदा क्या है | शाही शायरी
kuchh nahin khulta ibtida kya hai

ग़ज़ल

कुछ नहीं खुलता इब्तिदा क्या है

दीद राही

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कुछ नहीं खुलता इब्तिदा क्या है
इस ख़राबात की बिना क्या है

सोचते हैं कि इब्तिदा क्या थी
काश समझें कि इंतिहा क्या है

नहीं तुम हो हमारी नज़रों में
हम नहीं जानते ख़ुदा क्या है

दर्द तुम ने दिया इनायत की
मगर इस दर्द की दवा क्या है

हम ने दुनिया में क्या नहीं देखा
देखिए और देखना क्या है