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कोई रुस्वा कोई सौदाई है | शाही शायरी
koi ruswa koi saudai hai

ग़ज़ल

कोई रुस्वा कोई सौदाई है

अज़ीज़ हैदराबादी

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कोई रुस्वा कोई सौदाई है
इक जहाँ आप का शैदाई है

सोहबत-ए-ग़ैर से बचिए बचिए
देखिए देखिए रुस्वाई है

हर अदा में है हयात-ए-जावेद
हर इशारे में मसीहाई है