कोई रुस्वा कोई सौदाई है
इक जहाँ आप का शैदाई है
सोहबत-ए-ग़ैर से बचिए बचिए
देखिए देखिए रुस्वाई है
हर अदा में है हयात-ए-जावेद
हर इशारे में मसीहाई है
ग़ज़ल
कोई रुस्वा कोई सौदाई है
अज़ीज़ हैदराबादी
ग़ज़ल
अज़ीज़ हैदराबादी
कोई रुस्वा कोई सौदाई है
इक जहाँ आप का शैदाई है
सोहबत-ए-ग़ैर से बचिए बचिए
देखिए देखिए रुस्वाई है
हर अदा में है हयात-ए-जावेद
हर इशारे में मसीहाई है