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कितना काम करेंगे | शाही शायरी
kitna kaam karenge

ग़ज़ल

कितना काम करेंगे

बासिर सुल्तान काज़मी

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कितना काम करेंगे
अब आराम करेंगे

तेरे दिए हुए दुख
तेरे नाम करेंगे

अहल-ए-दर्द ही आख़िर
ख़ुशियाँ आम करेंगे

नौकरी छोड़ के 'बासिर'
अपना काम करेंगे