कितना काम करेंगे
अब आराम करेंगे
तेरे दिए हुए दुख
तेरे नाम करेंगे
अहल-ए-दर्द ही आख़िर
ख़ुशियाँ आम करेंगे
नौकरी छोड़ के 'बासिर'
अपना काम करेंगे
ग़ज़ल
कितना काम करेंगे
बासिर सुल्तान काज़मी
ग़ज़ल
बासिर सुल्तान काज़मी
कितना काम करेंगे
अब आराम करेंगे
तेरे दिए हुए दुख
तेरे नाम करेंगे
अहल-ए-दर्द ही आख़िर
ख़ुशियाँ आम करेंगे
नौकरी छोड़ के 'बासिर'
अपना काम करेंगे