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किस को कहते हैं जफ़ा क्या है वफ़ा याद नहीं | शाही शायरी
kis ko kahte hain jafa kya hai wafa yaad nahin

ग़ज़ल

किस को कहते हैं जफ़ा क्या है वफ़ा याद नहीं

अख़तर मुस्लिमी

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किस को कहते हैं जफ़ा क्या है वफ़ा याद नहीं
ऐ मोहब्बत मुझे कुछ तेरे सिवा याद नहीं

देखिए होती है किस तरह शब-ए-ग़म की सहर
अब तो ऐ दर्द-ए-जिगर कोई दुआ याद नहीं

हो गई ख़त्म रह-ओ-रस्म-ए-मोहब्बत शायद
मैं वफ़ा भूल गया उन को जफ़ा याद नहीं

यूँ भी कर सकते हो बर्बाद-ए-मोहब्बत पे करम
हम ने माना कि तुम्हें अहद-ए-वफ़ा याद नहीं

दिल-ए-दीवाना पे इल्ज़ाम लगाने वाले
जिस ने दीवाना बनाया वो अदा याद नहीं

जिस से 'अख़्तर' हो मिरे दर्द-ए-मोहब्बत का इलाज
क्या मसीहा-नफ़सों को वो दवा याद नहीं