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ख़ूब मुश्किल है पर आसान लिया जाता है | शाही शायरी
KHub mushkil hai par aasan liya jata hai

ग़ज़ल

ख़ूब मुश्किल है पर आसान लिया जाता है

तरकश प्रदीप

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ख़ूब मुश्किल है पर आसान लिया जाता है
कितना हल्के में ये इंसान लिया जाता है

नज़रें मिलते ही वो नज़रों को झुका लेते हैं
इस को इज़हार का इम्कान लिया जाता है

हम तो कहते हैं मोहब्बत में मज़ा है ही नहीं
आप कहते हैं तो फिर मान लिया जाता है

लीजिए आप को रुत्बा भी दिया दौलत भी
और इस एवज़ में बस ईमान लिया जाता है

ये हवस ही है हमें जिस ने नचा रक्खा है
इश्क़ तो दूर से पहचान लिया जाता है

आप ने भूल कर हम को जो सुकूँ बख़्शा है
आप का आख़िरी एहसान लिया जाता है