ख़ुलूस प्यार वफ़ा दोस्ती सिला क्या है
हटाओ ऐसी हिकायात में धरा क्या है
शरीफ़ लोगों की पगड़ी उछालते फिरना
हमारे अहद के बच्चों का मश्ग़ला क्या है
मुझे ये बोझ उठाने की है ज़रूरत क्या
हर आदमी मिरे बारे में सोचता क्या है
सभी ने भीड़ में इक दूसरे पे वार किया
किसी ने ये नहीं पूछा कि वाक़िआ' क्या है
न दिल में याद न आँखों में कोई ख़्वाब-ए-सहर
बिखरते जिस्म के मलबे में ढूँढता क्या है
ग़ज़ल
ख़ुलूस प्यार वफ़ा दोस्ती सिला क्या है
मुनीरुद्दीन सहर सईदी