EN اردو
ख़ुद अपने साथ धोका क्यूँ करूँ मैं | शाही शायरी
KHud apne sath dhoka kyun karun main

ग़ज़ल

ख़ुद अपने साथ धोका क्यूँ करूँ मैं

ऐन इरफ़ान

;

ख़ुद अपने साथ धोका क्यूँ करूँ मैं
किसी साए का पीछा क्यूँ करूँ मैं

उसे मैं भूल जाना चाहता हूँ
मगर ख़ुद पर भरोसा क्यूँ करूँ मैं

कभी सोचूँ कि ख़ुद में लौट आऊँ
कभी सोचूँ कि ऐसा क्यूँ करूँ मैं