ख़ाम होने के इंतिज़ार में हूँ
आम होने के इंतिज़ार में हूँ
मैं जिसे काम ही नहीं कोई
काम होने के इंतिज़ार में हूँ
रख के शीशा-ओ-जाम सामने मैं
शाम होने के इंतिज़ार में हूँ
अपनी गुमनाम हसरतों में 'वफ़ा'
नाम होने के इंतिज़ार में हूँ

ग़ज़ल
ख़ाम होने के इंतिज़ार में हूँ
मक़सूद वफ़ा