कौन पुर्सान-ए-हाल है मेरा
ज़िंदा रहना कमाल है मेरा
तू नहीं तो तिरा ख़याल सही
कोई तो हम-ख़याल है मेरा
मेरे आसाब दे रहे हैं जवाब
हौसला कब निढाल है मेरा
चढ़ता सूरज बता रहा है मुझे
बस यहीं से ज़वाल है मेरा
सब की नज़रें मिरी निगाह में हैं
किस को कितना ख़याल है मेरा
ग़ज़ल
कौन पुर्सान-ए-हाल है मेरा
साक़ी अमरोहवी