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कौन पुर्सान-ए-हाल है मेरा | शाही शायरी
kaun pursan-e-haal hai mera

ग़ज़ल

कौन पुर्सान-ए-हाल है मेरा

साक़ी अमरोहवी

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कौन पुर्सान-ए-हाल है मेरा
ज़िंदा रहना कमाल है मेरा

तू नहीं तो तिरा ख़याल सही
कोई तो हम-ख़याल है मेरा

मेरे आसाब दे रहे हैं जवाब
हौसला कब निढाल है मेरा

चढ़ता सूरज बता रहा है मुझे
बस यहीं से ज़वाल है मेरा

सब की नज़रें मिरी निगाह में हैं
किस को कितना ख़याल है मेरा