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कल आज से बेहतर हो आओ ये दुआ माँगें | शाही शायरी
kal aaj se behtar ho aao ye dua mangen

ग़ज़ल

कल आज से बेहतर हो आओ ये दुआ माँगें

मोहम्मद अज़हर शम्स

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कल आज से बेहतर हो आओ ये दुआ माँगें
मंसूर-ओ-मुज़फ़्फ़र हो आओ ये दुआ माँगें

दुनिया की फ़सीलों पर हों अम्न की रानाई
ने ख़ून न ख़ंजर हो आओ ये दुआ माँगें

हैं चाह में इक़रा की इस इल्म-ए-दो-आलम में
हर क़तरा समुंदर हो आओ ये दुआ माँगें

जो तफ़रक़े हम में है नश्तर के मुमासिल है
अब दूर ये नश्तर हो आओ ये दुआ माँगें

छोटा न बड़ा कोई बंदे हैं सभी रब के
आली न हो कमतर हो आओ ये दुआ माँगें

सालेह था अमल जब तक सरदार रहे हम ही
फिर हम में अमल-गर हो आओ ये दुआ माँगें