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कैसे डूबा डूब गया | शाही शायरी
kaise Duba Dub gaya

ग़ज़ल

कैसे डूबा डूब गया

गौहर होशियारपुरी

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कैसे डूबा डूब गया
डूबने वाला डूब गया

कैसी नेक कमाई थी!
पैसा पैसा डूब गया

नाव न डूबी दरिया में
नाव में दरिया डूब गया

लोग किनारे आन लगे
और किनारा डूब गया

बारिश उस ने भेजी थी
शहर हमारा डूब गया

सारी रात बिता डाली
तारा तारा डूब गया

'गौहर' पूरा ख़्वाब सुना
पानी में क्या डूब गया