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जो तुझे इम्तिहान देता है | शाही शायरी
jo tujhe imtihan deta hai

ग़ज़ल

जो तुझे इम्तिहान देता है

बेख़ुद देहलवी

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जो तुझे इम्तिहान देता है
किस ख़ुशी से वो जान देता है

क्या दिया हम ने जान दी जो उसे
ये तो सारा जहान देता है

चाहिए आप को तो ले लीजे
जान इक ना-तवान देता है

तुझ से बा-वज़्अ है तिरा ख़ंजर
मरने वालों पे जान देता है

नाम सुनता है जब वो 'बेख़ुद' का
गालियाँ बद-ज़बान देता है