जिस का दिल आप ने लिया होगा
ख़ाक में ले मिला दिया होगा
हम को क्या गर बहार आई है
दिल वो ग़ुंचा नहीं कि वा होगा
गालियाँ ग़ैर से सुनाते हो
हाँ मियाँ तुम से और क्या होगा
मिल गया होगा ख़ाक में जूँ अश्क
तेरी आँखों से जो गिरा होगा

ग़ज़ल
जिस का दिल आप ने लिया होगा
ख़्वाजा अमीनुद्दीन अमीन