जिन की आँखों में था सुरूर-ए-ग़ज़ल
उन ग़ज़ालों की याद आती है
सादगी ला-जवाब थी जिन की
उन सवालों की याद आती है
जाने वाले कभी नहीं आते
जाने वालों की याद आती है
'वज्द' लुत्फ़-ए-सुख़न मुबारक हो
बा-कमालों की याद आती है
ग़ज़ल
जिन की आँखों में था सुरूर-ए-ग़ज़ल
सिकंदर अली वज्द