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जिन के फ़ुटपाठ पे घर पाँव में छाले होंगे | शाही शायरी
jin ke foot-path pe ghar panw mein chhaale honge

ग़ज़ल

जिन के फ़ुटपाठ पे घर पाँव में छाले होंगे

शिफ़ा कजगावन्वी

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जिन के फ़ुटपाठ पे घर पाँव में छाले होंगे
उन के ज़ेहनों में न मस्जिद न शिवाले होंगे

भूके बच्चों की उमीदें न शिकस्ता हो जाएँ
माँ ने कुछ अश्क भी पानी में उबाले होंगे

तेरे लश्कर में कोई हो तो बुला ले उस को
मेरा दावा है कि उस सम्त जियाले होंगे

जंग पर जाते हुए बेटे की माँ से पूछो
कैसे जज़्बात के तूफ़ान सँभाले होंगे

सज्दा-ए-हक़ के लिए सीना-सिपर थे ग़ाज़ी
ऐसे दुनिया में कहाँ चाहने वाले होंगे

कुछ न साहिल पे मिलेगा कि 'शिफ़ा' उस ने तो
दुर-ए-यकता के लिए बहर खंगाले होंगे