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झूटी बातें झूटे लोग | शाही शायरी
jhuTi baaten jhuTe log

ग़ज़ल

झूटी बातें झूटे लोग

अंजुम बाराबंकवी

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झूटी बातें झूटे लोग
सहते रहेंगे सच्चे लोग

हरियाली पर बोलेंगे
सावन के सब अंधे लोग

दो पैसे में महँगे हैं
किरदारों के सस्ते लोग

मेरी गुज़ारिश क्या सुनते
ऊँचे क़द के छोटे लोग

ग़ैर तो आँसू पोछेंगे
धोका देंगे अपने लोग

एक जगह कम मिलते हैं
इतने सारे अच्छे लोग

इस जीवन में घूम चुके
आधी दुनिया पूरे लोग

बरसों में फिर देखेंगे
भोले-भाले प्यारे लोग

सदियों पहले होते थे
अपनी धुन के पक्के लोग

हर महफ़िल में करते हैं
ओछी हरकत ओछे लोग