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जब उस की तस्वीर बनाई जाती है | शाही शायरी
jab uski taswir banai jati hai

ग़ज़ल

जब उस की तस्वीर बनाई जाती है

असलम राशिद

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जब उस की तस्वीर बनाई जाती है
साया साया धूप मिलाई जाती है

पहले उस की आँखें सोची जाती हैं
फिर आँखों में रात बिताई जाती हैं

जिस दरिया में अक्स तुम्हारा देखा था
उस दरिया में नाव चलाई जाती है

जिस दर से हम वाबस्ता हैं उस दर से
पानी की भी प्यास बुझाई जाती है