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जब हुई उस की तवज्जोह में कमी थोड़ी सी | शाही शायरी
jab hui uski tawajjoh mein kami thoDi si

ग़ज़ल

जब हुई उस की तवज्जोह में कमी थोड़ी सी

अशफ़ाक़ हुसैन

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जब हुई उस की तवज्जोह में कमी थोड़ी सी
ख़ुद-ब-ख़ुद आ गई आँखों में नमी थोड़ी सी

बन गया फूल बनाने थे ख़द-ओ-ख़ाल उस के
रह गई मेरे तख़य्युल मैं कमी थोड़ी सी

और दो-आतिशा कर देती है आहंग-ए-ग़ज़ल
हिंदवी लय में नवा-ए-अजमी थोड़ी सी