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जाती हुई लड़की को सदा देना चाहिए | शाही शायरी
jati hui laDki ko sada dena chahiye

ग़ज़ल

जाती हुई लड़की को सदा देना चाहिए

मोहम्मद अल्वी

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जाती हुई लड़की को सदा देना चाहिए
घर हो तो बुरा क्या है पता देना चाहिए

होंटों के गुलाबों को चुरा लेने से पहले
बालों में कोई फूल खिला देना चाहिए

डर है कहीं कमरे में न घुस आए ये मंज़र
खिड़की को कहीं और हटा देना चाहिए

पर तोल के बैठी है मगर उड़ती नहीं है
तस्वीर से चिड़िया को उड़ा देना चाहिए

सदियों से किनारे पे खड़ा सूख रहा है
इस शहर को दरिया में गिरा देना चाहिए

मरने में मज़ा है मगर इतना तो नहीं है
'अल्वी' तुम्हें क़ातिल को दुआ देना चाहिए