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जाने वाला जो कभी लौट के आया होगा | शाही शायरी
jaane wala jo kabhi lauT ke aaya hoga

ग़ज़ल

जाने वाला जो कभी लौट के आया होगा

मुशफ़िक़ ख़्वाजा

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जाने वाला जो कभी लौट के आया होगा
हम ने इक उम्र का ग़म कैसे छुपाया होगा

किस तवक़्क़ो पे कोई चाहे वफ़ाओं का सिला
उस ने कुछ सोच समझ कर ही भुलाया होगा

जिस से वाबस्ता रहा हुस्न-ए-तग़ाफ़ुल तेरा
तुझ को वो शख़्स कभी याद तो आया होगा

ज़िंदगी अपनी बहर-हाल गुज़र जाएगी
तू न होगा तिरी दीवार का साया होगा